समाज के सामने चुनौती हैं नशीली दवाएं

गोरखपुर : नशीली दवाएं के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति समाज के सामने चुनौती है। नशे के सेवन से व्यक्ति का मन व मस्तिष्क प्रभावित हो जाता है।

यह बातें मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र गोरखपुर के वैज्ञानिक कविराज कुमार ने मंगलवार को आयोजित परिचर्चा में कहीं। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं की लत का विकास धीरे-धीरे होता है। ऐसी दवाएं मन व शरीर पर तत्काल प्रभाव करती हैं, इसलिए अधिकतर लोग इसे पीड़ा या कष्ट से मुक्ति का साधन समझते हैं। इन दवाओं के तत्काल प्रभाव तनाव या पीड़ा को कम करने के मामले में भले ही सुखदायी होते हैं पर इनके दूरगामी परिणाम दुखदायी होते हैं।

नागरिक सुरक्षा कोर कोतवाली प्रखंड के डिप्टी डिविजनल वार्डेन राजकुमार गुप्ता ने कहा कि स्वयं सेवी संस्थाएं सहयोग दें तो इस समस्या का समाधान संभव है। इस अवसर आशुतोष कुमार गुप्ता, राकेश गुप्ता, सुमन, कमलेश आदि लोग उपस्थित थे।

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