समाज का मनोविज्ञान बदलने को धाद की पहल

जागरण संवाददाता, देहरादून: सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकारों के लिए क्रियाशील संस्था 'धाद' ने महिला अधिकारों व सुरक्षा के विषय को माध्यमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल कराने के लिए गुरुवार से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। जल्द ही दस हजार हस्ताक्षर वाला यह ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा।

हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत बीएस नेगी महिला पॉलीटेक्निक ओएनजीसी में आइएससी बोर्ड की टॉपर भुवन्या विजय के हस्ताक्षर से हुई। फिर पॉलीटेक्निक की पिछले सत्र की टॉपर छात्राओं ने अभियान को आगे बढ़ाया। इस मौके पर 'धाद' के अध्यक्ष रविंद्र सिंह नेगी ने कहा कि महिला मुद्दों की लड़ाई कोई एक दिन की लड़ाई नहीं है। सही मायने में देखें तो यह कोई लड़ाई है ही नहीं, बल्कि एक जनचेतना अभियान है। इससे जितने लोग जुड़ेंगे, बदलाव उतनी जल्दी हमारे सामने होगा।

आइएससी टॉपर भुवन्या विजय ने कहा कि जो सपने आजादी के समय हमारे नेताओं ने देखे थे, उनसे हम कोसों दूर हैं। आज तक हम महिलाओं के लिए एक सशक्त कानून तक नहीं ला पाए। पॉलीटेक्निक की प्रधानाचार्य हेमेश्वरी शर्मा ने अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

इस मौके पर कल्पना बहुगुणा, शोभा रतूड़ी, संतोष डिमरी, नीलम प्रभा, पूनम नैथानी, राहुल गुरु, अपूर्व आनंद, नवनीत रावत, तन्मय ममगाई, विमल रतूड़ी, विजय जुयाल, डॉ. नूतन गैरोला आदि मौजूद रहे।

अभियान के बिंदु

-जस्टिस वर्मा की सभी संस्तुतियों को यथाशीघ्र कानून का रूप मिले।

-महिला अधिकारों व सुरक्षा के विषय माध्यमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनें।

-महिला संबंधी नए बनने वाले कानूनों का वास्तविक रूप में क्रियान्वयन हो।

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