‘परिवार की धूरी होती हैं महिलाएं’

'परिवार की धूरी होती हैं महिलाएं'

मुजफ्फरपुर, प्रतिनिधि : महिलाएं परिवार की धूरी होती हैं, जिसके स्वास्थ्य, रहन-सहन और अच्छी-बुरी आदतों का सीधा प्रभाव परिवार व समाज की भावी पीढ़ी पर पड़ती है। ये बातें राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी सह आरबीबीएम कॉलेज की मनोविज्ञान विभाग की रीडर डा. श्यामा सिन्हा ने कॉलेज परिसर में चल रहे सात दिवसीय शिविर के पांचवें दिन छात्राओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अगर समाज की ये आधी आबादी बीमार व कमजोर होगी तो इसका दुष्परिणाम होगा। 'स्वस्थ्य महिला स्वस्थ्य परिवार' विषयक इस संगोष्ठी की अध्यक्षता डा. कुमुद ठाकुर ने की। स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. इतिश्री ने कहा कि अज्ञानता और संकोचवश लड़कियां व महिलाएं अपनी शारीरिक समस्याओं को छुपाती हैं जो भविष्य में बांझपन के साथ-साथ अन्य गंभीर शारीरिक समस्याओं का रूप ले लेती हैं। इसके अलावा डा. कुमुद ठाकुर, डा. उषा किरण सिन्हा आदि ने भी अपने विचार रखते हुए छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों व जिज्ञासाओं का समाधान किया।

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