जांच विषयों के सात शोध आवेदनों को हरी झंडी

हजारीबाग : विभावि सामाजिक विषयक शोध परषिद ने पांच विषयों के कुल सात शोध पंजीयन आवेदनों को हरी झंडी दे दी। इस संबंध में सहायक कुलसचिव डा. विजय कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, मानव विज्ञान व अर्थशास्त्र विषयक एक एक तथा भूगोल विषयक कुल तीन आवेदनों को शोध कार्य के लिए अधिकृत किया गया। बैठक की अध्यक्षता कुलपति डा. रवींद्रनाथ भगत ने की, जिसमें प्रतिकुपति डा. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, कुलसचिव डा. ईएन सिद्दीकी व परीक्षा नियंत्रक डा. आमिर मुस्तफा सिद्दीकी सिहत कई विभागाध्यक्ष व संकायाध्यक्ष मौजूद थे।

डा. देवधरिया ने किया विरोध

शोध परिषद की बैठक के दौरान स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र के डा. प्रकाशचंद देवधरिया ने चतुर्थ चरण के अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों के शोध निदेशक बनाए जाने के मसौदे का विरोध किया। उन्होंने कहा कि उक्त कोटि के चार कॉलेजों के शिक्षक सक्षम आयोग द्वारा अनुशंसित नहीं हैं। इसलिए उन्हें निदेशक नहीं बनाया जाए। कुलपति डा. रवींद्र नाथ भगत व कुलसचिव डा. ईएन सिद्दीकी ने उनके विरोध को नाजायज बताते हुए कहा कि उक्त कॉलेजों में न्यायालय ने धारा 4-14 के तहत स्थायी करने का आदेश दिया था, जिसका अनुपालन 2004 में ही विभावि ने किया था, जिन्हें अब किसी आयोग की अनुशंसा की जरूरत नहीं है। मध्यमार्गी प्रतिकुलपति डा. अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने उक्त मसले को फिलवक्त ठंडे बस्ते में डाल दिया। अन्य सदस्यों ने कहा कि उक्त कॉलेजों के शिक्षकों का वेतनमान निर्धारण सृजित पदों के विरूद्ध हुआ है। यही नहीं, छठा वेतनमान भी उन्हें मिल रहा है, जबकि विरोध कर्ता अभी उससे वंचित हैं।

हिंदी विभाग में राष्ट्रीय संगोष्ठी आज से

विश्व परिदृश्य में हिंदी विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी 16-17 मार्च को आयोजित होगी। यह जानकारी देते हुए विभावि स्नातकोत्तर हिंदी विभागाध्यक्ष डा. विजय कांतधर दुबे ने बुधवार को बताया कि संगोष्ठी यूजीसी संपोषित है। भारत के सभी प्रदेशों के प्रतिनिधि इसमें शिकायत करेंगे। संगोष्ठी का संयोजन डा. केदार सिंह, डा. केके गुप्ता व डा. सुबोध सिंह करेंगे। 16 मार्च की रात सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

47 सदस्यीय विद्वत परिषद् गठित

विभावि का 47 सदस्यीय विद्वत परिषद् को गठन कर दिया गया है। इस संबंध में गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक परिषद में बतौर अध्यक्ष कुलपति डा. रवींद्र नाथ भगत शामिल हैं। इनके अलावा प्रतिकुलपति डा. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, सभी 22 विभागाध्यक्ष, प्राचार्या प्रो. रेखा रानी, प्राचार्य डा. त्रिवेणी सिंह, एसएसएलएनटी प्राचार्य डा. पीके झा, बीएसके के डा. जयप्रकाश साह, डा. शक्तिपद शर्मा, चास कॉलेज के प्राचार्य, राजकीय संस्कृत कॉलेज रांची व चाईबासा के प्राचार्य, बीआईटी, सिंदरी के निदेशक, पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, राजकीय बीएड कॉलेज के प्राचार्य, जुबिली कॉलेज, पीटीपीएस कॉलेज, अलहबी बीएड कॉलेज, कर्णपुरा कॉलेज के प्राचार्य व बोकारो महिला कॉलेज की प्राचार्या को उक्त परिषद् में स्थान दिया गया है।

बायोटेक की अव्वल रही सोनल

विभावि स्नातकोत्तर बायोटेक के तीसरे सेमेस्टर की अव्वल रही हैं सोनल पटेल। गुरुवार को तीसरे सेमेस्टर के जारी परीक्षाफल में इसका खुलासा हुआ। इस संबंध में विभागाध्यक्ष डा. अनवर मल्लिक ने बताया कि बीएससी बायोटेक प्रतिष्ठा व एमएससी बायोटेक के दूसरे सेमेस्टेर की परीक्षा में भी सोनल पटेल अव्वल रही थी। जेएनयू व शांति निकेतन के एमएससी बायोटेक में भी नामांकन के लिए उसका चयन हुआ था, लेकिन उसने विभावि में ही पढ़ना मुनासिब समझा। फिलवक्त सोनल पटेल नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंसेज, पुणे के परियोजना कार्य में व्यस्त है। डा. मल्लिक ने सोनल को उसकी उपलब्धियों के लिए बधाइयां दी हैं।

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