प्राचीन ग्रंथों में मनोविज्ञान

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प्राचीन ग्रंथों में मनोविज्ञान हमारी संस्कृति के प्राचीन साहित्य विशेषकर ब्राहमाण ग्रंथों (वेदों की प्राचीन गद्यात्मक व्याख्याओं), उपनिषदों एवं गीता में मन का विशद वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है। इनमें मन के गुणधर्म, स्वरूप और >>>