शिक्षा—सकारात्मक मनोविज्ञान की भूमिका अहम

-काशी विद्यापीठ में संगोष्ठी के

दूसरे दिन चले आठ विभिन्न सत्र

जागरण संवाददाता, वाराणसी : जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक मनोविज्ञान की भूमिका अहम है। इसके माध्यम से जीवन मे तनाव कम किया जा सकता है। ये बातें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित 'सकारात्मक मनोविज्ञान के मुद्दे व चुनौतियां' विषयक आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन मंगलवार को चले विभिन्न सत्रों में उभर कर सामने आई।

मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान में परिसर के गांधी अध्ययनपीठ के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में तकरीबन चार दर्जन विद्वानों ने शोध पत्र का वाचन किया। वैज्ञानिक सत्र में विद्वानों ने मानसिक स्वास्थ्य, जीवन में अपरिचित दबावों, अनाथ बच्चों, संवेगात्मक नियमन, आशावादिता सहित अन्य मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं की सकारात्मक मनोविज्ञान में भूमिका पर विमर्श किया। अध्यक्षता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रो. महमूद खान ने की। आठ सत्रों के दौरान डॉ. ओपी चौधरी, प्रो. एसके श्रीवास्तव, प्रो. सरोज कोठारी, प्रो. गुफरान, प्रो. मदनावत, प्रो. वीजी सिंह, डॉ. रेनुका सिन्हा, डॉ. अर्चना सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष प्रो. आनंद कुमार व डॉ. शंभू उपाध्याय ने किया।

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