लैब से 100 दिमाग गायब

इनमें से एक मस्तिष्क 1960 के दशक में इसी यूनिवर्सिटी में अंधाधुंध फायरिंग करके 16 लोगों की जान ले लेने वाले चार्ल्स व्हिटमैन का भी बताया जा रहा है. मनोविज्ञान के प्रोफेसर और इस संग्रह के क्यूरेटर टिम शालेर्ट ने बताया, "हम समझते हैं कि कोई इन मस्तिष्कों को अपने साथ ले गया, लेकिन पक्के तौर पर हम कुछ नहीं कह सकते हैं."

उनके साथ काम करने वाले मनोविज्ञान के दूसरे प्रोफेसर लॉरेंस कॉरमैक का कहना है, "यह भी हो सकता है कि अंडरग्रेजुएट छात्र इनकी आपस में अदला बदली कर रहे हों या फिर इसे हैलवीन के दौरान इस्तेमाल मजाक के लिए किया हो." ऑस्टिन के राज्य सरकारी अस्पताल ने 28 साल पहले इन मस्तिष्कों को अस्थायी तौर पर यूनिवर्सिटी के हवाले किया था.

शालेर्ट का कहना है कि उनकी लैब में सिर्फ 100 मस्तिष्कों को मर्तबान में रखने की सुविधा है और इस वजह से बाकी को यूनिवर्सिटी के पशु संसाधन केंद्र में रख दिया गया था, जो इमारत के तहखाने में है. कॉरमैक कहते हैं, "वे अब तहखाने में नहीं हैं."


मस्तिष्क का सम्मान

यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह इस मामले की जांच करेगी क्योंकि ये नमूने लगभग 30 साल पहले यहां लाए गए थे और वह इन नमूनों को सम्मान के साथ रखने के लिए प्रतिबद्ध है. बयान में कहा गया है कि "बाकी के नमूनों का इस्तेमाल रिसर्च के लिए हो रहा है और उन्हें हिफाजत से रखा जा रहा है."

यूनिवर्सिटी का अस्पताल के साथ जो समझौता है, उसके तहत कॉलेज को वो आंकड़े हटा देने हैं, जिससे पता चल सके कि फलां दिमाग किस आदमी का था. फिर भी शालेर्ट का कहना है कि उन्हें लगता है कि व्हिटमैन का दिमाग गायब हुए गुच्छे में शामिल है, "ऐसा लगता है क्योंकि हम उसे नहीं खोज पा रहे हैं."

व्हिटमैन ने 1966 में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में अंधाधुंध गोलियां चला कर 16 लोगों को मार दिया था, जिनमें उसकी मां और पत्नी भी शामिल थे. बाद में पुलिस ने व्हिटमैन को भी मार गिराया. कॉरमैक ने बताया कि बाकी के मस्तिष्कों को नॉरमैन हेकरमैन इमारत में ले जाया गया है, जहां उनका एमआरआई हो रही है, "एमआरआई की तस्वीरें पढ़ाई और रिसर्च दोनों के लिए अच्छी हैं."

एजेए/ओएसजे (एपी)

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