21 दिसम्बर 2011
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस
वॉशिंगटन।
अपने कार्यों के परिणामों को समझने में असर्मथता शराबियों को आक्रामक व झगड़ालू बना देती है। यह खुलासा एक नये अध्ययन में हुआ है। अध्ययन का नेतृत्व करने वाले ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में संचार और मनोविज्ञान के प्रोफेसर ब्रैड बुशमैन ने बताया, "अगर आप शराब पीने के बाद अपने द्वारा किए गए कार्यो के परिणामों पर गौर फरमाते हैं तो आप शराब पीने के बाद भी उतने ही आक्रामक रहेंगे जितने की हमेशा रहते हैं।"
उन्होंने कहा, "जो लोग अपने कार्यों के भविष्य पर पड़ने वाले असर के बारे में नहीं सोचते और वर्तमान पर ध्यान केन्द्रित रखते हैं, वे दूसरे लोगों की तुलना में ज्यादा आक्रामक होते हैं।"
‘प्रतिरक्षा कोशिकाएं’ पर निर्भर है शराब के प्रति रूझान
विज्ञान पत्रिका ‘एक्सपेरिमेंटल सोशल साइकलॉजी’ की रपट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ केंटस्की में बुशमैन के सहयोगी पीटर ज्ञानकोला ने प्रयोगों का नेतृत्व किया।
इस अध्ययन में 23 वर्ष की औसतन उम्र के 495 वयस्क लोगों को शामिल किया गया था। ये सभी वयस्क अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते थे। अध्ययन में शामिल करने से पहले इन सभी की शराब या किसी मादक पदार्थ से जूड़ी बिमारियों की जांच की गई। साथ ही महिलाएं गर्भवती न हो इसकी भी जांच की गई।
अत्यधिक मद्यपान, कैंसर को न्योता
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के बयान के अनुसार पुरूष महिलाओं से ज्यादा आक्रामक होते हैं लेकिन दोनों पर शराब का प्रभाव एक जैसा पड़ता है।