परीक्षा समाजशास्त्र की, मिला मनोविज्ञान का मा‌र्क्स

जासं, मुजफ्फरपुर : परीक्षा समाजशास्त्र ऑनर्स की दी, लेकिन अंक पत्र मिला मनोविज्ञान प्रतिष्ठा का। जी हां, चौंकिए मत। यह गड़बड़झाला किया है बीआरए बिहार विवि ने।

छह माह के लंबे इंतजार के बाद छात्रों को स्नातक प्रथम खंड का जो अंक पत्र मिला है उसे देख छात्र न सिर्फ हैरान है, बल्कि उनका भविष्य अधर में लटक गया है। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के ऐसे दर्जनों छात्र-छात्राएं परीक्षा में तो प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हैं, लेकिन उन्हें अब समझ में नहीं आ रहा कि वे इस अंक पत्र को लेकर करें क्या। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में मनोविज्ञान की पढ़ाई होती भी नहीं है। 23 छात्र-छात्राओं ने फॉर्म भरने के बाद परीक्षा भी दी समाजशास्त्र की। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इन सभी के अंक पत्रों में ऑनर्स विषय के साथ प्रायोगिक परीक्षा में भी अंक अंकित कर दिए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी ललन कुमार ने कहा कि इन छात्रों को द्वितीय खंड की परीक्षा देनी है, लेकिन मनोविज्ञान ऑनर्स की पढ़ाई नहीं होने के चलते उनका फॉर्म नहीं भरवाया जा सकता। उन्होंने कहा कि पूरे मामले से उन्होंने प्रतिकुलपति डॉ. राजेन्द्र मिश्र को अवगत कराया है। उन्होंने इसकी जांच कराने का भरोसा दिलाया है। बहरहाल, पूरा मामला सामने आने के बाद विवि पदाधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं। गड़बड़ी सिर्फ इसी में नहीं है। अन्य कई विषयों में परीक्षार्थियों के अंक पत्र में सब्सिडियरी विषयों में अंक दिए गए हैं, लेकिन विषय का नाम ही अंकित नहीं है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि जांच होगी।

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