धर्म, भाषा व जाति भी है तनाव का कारण: डॉ. शाहिद

धर्म, भाषा व जाति भी है तनाव का कारण: डॉ. शाहिद

दुमका, निज प्रतिनिधि : रांची विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रो. डॉ.शाहिद हसन ने कहा कि बढ़ती आकांक्षाओं के साथ धर्म, भाषा, क्षेत्र और जाति भी मानव जीवन में तनाव का एक प्रमुख कारण है। यह एक ऐसी समस्या है जो इंसान को आत्महत्या तक करने को विवश कर देती है। जरूरत है इससे निजात पाने के लिए मनोवैज्ञानिक सोच के साथ जीवन यापन करने की। प्रो.हसन सोमवार को यहां एग्रो टेक्निकल पार्क के सभागार में सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान में 'स्वास्थ व तनाव का मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण' विषय पर आयोजित प्रथम दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग ले चुके मनोविज्ञान विभाग के विद्वान प्रो.हसन ने कहा कि तनाव मधुमेह, चर्म, हृदय, अल्सर सहित कई रोगों का कारण है। सकारात्मक सोच के साथ ईश्वर पर विश्वास तनाव से मुक्ति पाने का सबसे सुगम उपाय है। हाजी प्रो.शाहिद ने कहा कि भाग-दौड़ की इस जिंदगी में तनाव से बचने के लिए सबकुछ ईश्वर पर छोड़कर उस बत्तख की तरह जीवन यापन करना चाहिए जिसके उपर पानी डाल देने पर वह उसे हटाते हुए आगे बढ़ जाता है। एसपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सिकंदर प्रसाद यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस सत्र को सेमिनार के मुख्य अतिथि कॉमर्स कॉलेज पटना के मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष सह अखिल भारतीय विज्ञान कांग्रेस कमेटी के सत्रीय अध्यक्ष डॉ.प्रो.तारणी ने कहा कि तनाव से मुक्ति पाने के लिए हमेशा दूसरों की भलाई के बारे में सोचना चाहिए। परहित से समाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि अपने क‌र्त्तव्य के प्रति उदासीनता भी तनाव का एक कारण है। बेहतर स्वास्थ्य व तनाव से मुक्ति पाने के लिए जीवन में सकारात्मक सोच के साथ योग का महत्वपूर्ण स्थान है। विभागाध्यक्ष डॉ.स्वतंत्र कुमार सिंह के स्वागत भाषण से शुरू हुए इस सत्र को विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू सह प्रभारी कुलपति डॉ.पारस मणि सिंह, कॉलेज निरीक्षक डॉ.एएन पाठक, पटना के डॉ.बीपी सिन्हा और सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ.कैलाश पांडेय ने भी विषयवस्तु पर अपने विचार प्रकट किये। दो सत्रों में आयोजित हो रहे इस सेमिनार में मनोविज्ञान विभाग के अलावा अन्य विषयों के भी कई शिक्षक व छात्र-छात्राएं भाग ले रही है। सेमिनार की सफलता को लेकर आयोजन समिति के सचिव प्रो.विनोद कुमार शर्मा, समन्वयक प्रो.कलानंद ठाकुर सहित डॉ.पुष्पलता, डॉ.अनूप कुमार साह आदि अहम भूमिका निभा रहे है। उद्घाटन सत्र में आयोजन समिति द्वारा प्रकाशित एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।

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