डॉ मीना ने बनायी पहचान

धनबाद : डॉ मीना श्रीवास्तव (प्रकाश) ने मनोविज्ञान के क्षेत्र में पहचान बनायी है. छात्रों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं. बाजार में अबतक उनकी तीन पुस्तकें आ चुकी हैं. इनमें एक इंटर कक्षा की प्रयोगात्मक मनोविज्ञान, दूसरी सामान्य मनोविज्ञान एवं तीसरी पुस्तक डिग्री कोर्स के लिए समाज मनोविज्ञान एवं सामाजिक मुद्दे हैं. डॉ श्रीवास्तव बताती हैं कि उन्होंने अपनी तीसरी पुस्तक अपने पिताजी एवं मां को समर्पित किया है.

इस पुस्तक का प्रकाशन आदित्य प्रकाशन ने किया है. इसमें घरेलू हिंसा, पर्यावरण मुद्दे, एंटी सोशल बिहेवियर, गरीबी व वंचना का प्रभाव आदि मुद्दे मुख्य रूप से हैं. यह पुस्तक पार्ट दो एवं तीन के ऑनर्स स्टूडेंट्स के लिए है. डॉ श्रीवास्तव बताती हैं कि कई स्टूडेंट्स ने उनके निर्देशन में शोध किया है. खुद डॉ श्रीवास्तव की भी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं.  डॉ श्रीवास्तव तैराकी की शौकीन भी हैं. वह आज भी तैयारी करती हैं.

मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष हैं :  डॉ श्रीवास्तव की दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई सेंट्रल हिंदू स्कूल, बनारस से हुई. इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पार्ट वन तक की पढ़ाई की. स्नातक (मनोविज्ञान प्रतिष्ठा) एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई रांची विवि से हुई और दोनों में वह विवि टॉपर रहीं. फिर पटना विवि से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.

वर्तमान में डॉ श्रीवास्तव एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष हैं. यहां वह प्रोफेसर इंचार्ज एवं बीएड की को-ऑर्डिनेटर भी हैं. पति डॉ एजे प्रकाश सिंफर में डिप्टी डायरेक्टर थे. एक बेटी प्रियंका प्रकाश दुबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. दामाद भी दुबई में मैकेनिकल इंजीनियर हैं.

 

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