छात्र आंतरिक गुण पहचान कर विकसित करें: रश्मि

देवप्रयाग, जागरण प्रतिनिधि: राजकीय महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन छात्र-छात्राओं को विषय विशेषज्ञ ने व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया।

सेमिनार में डीएवी कालेज के मनोविज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने छात्र-छात्राओं को अपना आंतरिक गुण पहचान कर उसे विकसित करने को कहा। डॉ. शैलेंद्र कोटियाल ने कहा कि व्यक्ति अपने गुणों के कारण पहचाना जाता है। डॉ. प्रभाकर जोशी ने कहा व्यक्तित्व मनुष्य की सोच से बनता है, जबकि समय के सदुपयोग से व्यक्ति लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। डॉ. मनोरत प्रसाद नौगाई ने छात्र-छात्राओं से संस्कृत को भी सम्प्रेषण का माध्यम बनाने को कहा। अर्चना पांगती ने कहा कि सम्प्रेषण में भाषा मुख्य साधन है। छात्र-छात्राओं को अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए किसी भी सवाल को पूछने में संकोच नहीं करना चाहिए।

पूर्व प्राचार्य डॉ. डीएस भंडारी ने कहा कि छात्र-छात्राओं का व्यक्तित्व विकास शिक्षकों पर निर्भर करता है। प्राचार्य एनएस बिष्ट ने कहा कि छात्र-छात्राओं को सेमिनार में दिये मार्ग दर्शन के अनुसार स्वयं को डालकर अपना व्यक्तित्व बनाना चाहिए। संचालक डॉ. आशोक कुमार मंदोला ने कहा कि देवप्रयाग में राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन से क्षेत्र की युवा पीढ़ी में नई जागृति आयी है। इस दौरान विवि की ओर से पूर्व प्राचार्य डॉ. डीएस भंडारी के योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर डॉ गिरधर पंडित, डॉ दिनेश कुमार, रेखा भट्ट, चिरंजीलाल बिष्ट, विनोद पंडित आदि भी उपस्थित थे।

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