चुनौती पूर्ण है संपादन का दायित्व

चुनौती पूर्ण है संपादन का दायित्व

मऊ : बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है अखबार का संपादन करना। संपादक समाचार संकलन से लेकर लेखन तक में लगी अपनी पूरी टीम का लीडर होता है। वह व्यवहार कुशल नेतृत्वकर्ता तो होता ही है, समाज मनोविज्ञान का अच्छा ज्ञाता भी होता है, जिसे यह मालूम होता है कि उसके पाठक क्या पढ़ना चाहते हैं। भाषा तथा उसके सम्यक प्रयोग की समृद्ध जानकारी रखने वाला उपरोक्त गुणों से युक्त व्यक्ति में अच्छा संपादक होने की संभावनायें निहित होती हैं। ये बातें दैनिक जागरण द्वारा आयोजित 'युवा संपादक' प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए पत्रकार शैलेश अस्थाना ने कही।

प्रतियोगिता के निमित्त कार्यशाला का आयोजन नगर के लिटिल फ्लावर स्कूल और देव पब्लिक स्कूल में किया गया। जागरण समूह द्वारा किशोरों और युवाओं में रचनात्मक क्षमता एवं अभिवृत्ति के प्रस्फुटन एवं विकास के लिए किये जा रहे इस आयोजन में नगर के विभिन्न विद्यालयों के कक्षा 8 से 12 तक सैकड़ों छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं। इसमें विद्यार्थियों को आदर्श पत्रकारिता के आधुनिक मापदंडों एवं आवश्यकताओं के अनुसार समाचार संपादन का अवसर प्रदान किया जा रहा है। उनके द्वारा संपादित समाचार पत्र में से सर्वश्रेष्ठ चुने जाने वाले विजेताओं को सम्मानित किया जायेगा। अलग-अलग आयोजित इन कार्यशालाओं में उक्त विद्यालयों की प्रधानाचार्य सरिता केडिया एवं प्रतिभा सिंह तथा अन्य शिक्षक-शिक्षिकायें उपस्थित रहे।

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