गुस्से की पराकाष्ठा शिक्षक को गोली मारना

गुस्से की पराकाष्ठा शिक्षक को गोली मारना

रामपुर। सैफनी में छात्र को डांटने से नाराज परिजनों द्वारा स्कूल में शिक्षक को गोली मारने की घटना गुस्से की पराकाष्ठा है। मनोविज्ञान और समाजशास्त्र के विशेषज्ञों ने इसके कई कारण बताए हैं।

राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर डा. एपी सिंह का कहना है कि यह घटना अतिसंवेगिक लगाव की प्रतिक्रिया है। बच्चों से लगाव के कारण ऐसा हुआ। ऐसी घटना उसी स्थिति में होती है कि जब अभिभावक अशिक्षित हों और गुस्से पर काबू न रख सकें। इसके पीछे उनके संस्कार भी एक कारण हो सकते हैं। शिक्षक के साथ ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए। शिक्षक को भी बच्चों से आत्मीयता रखनी चाहिए। उधर रजा डिग्री कालेज के ही समाजशास्त्र के प्रोफेसर डा. इंदुभूषण महापात्र का कहना है कि पश्चिमी देशों में स्कूलों में बच्चों की पिटाई पर सख्त प्रतिबंध है। देश में भी इस दिशा में प्रयास हो रहे हैं पर घटनाएं हो ही जाती हैं। कहा कि आज शिक्षा का दर्शन बदल रहा है। वैज्ञानिक विचारधारा के प्रचार हो रहा है जिसमें बच्चों को स्कूल में उन्मुक्त वातावरण पर जोर है ताकि बच्चे के अंदर रचनात्मकता और तार्किकता पैदा हो सके जो उसके विकास के लिए जरूरी है। पहले अभिभावक बच्चों की पिटाई पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करते थे पर आज अभिभावक जागरुक हैं और इसकी शिकायत करते हैं। उन्होंने सैफनी की घटना को गुस्से की पराकाष्ठा बताया।

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