कार्यशाला में बताये गये महापुरुषों के विचार

कार्यशाला में बताये गये महापुरुषों के विचार

छिबरामऊ, जागरण प्रतिनिधि : ब्लाक संसाधन केंद्र पर शिक्षामित्रों को पत्राचार माध्यम से दिये जा रहे बीटीसी प्रशिक्षण की कार्यशाला के दौरान महापुरुषों के विचारों और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान की जानकारियां दी गई। भारतीय समाज, प्रारंभिक शिक्षा एवं बाल मनोविज्ञान के माध्यम से शिक्षण कौशल को प्रभावी बनाने के तरीके भी सुझाये गये।

प्रशिक्षक धर्मेद्र सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा के प्रमुख विचारक और उनके विचार विषय पर प्रकाश डालते हुये शिक्षामित्रों को बताया कि रवींद्र नाथ टैगोर, डा. राधाकृष्णनन, महात्मा गांधी, फ्रोबेल व मारिया मांटेसरी जैसे शिक्षाविदों ने शिक्षा के क्षेत्र में खासा योगदान दिया है और इसे प्रभावी बनाया है। इन महापुरुषों का उद्देश्य था कि हर व्यक्ति शिक्षित हो और राष्ट्र के विकास में योगदान दे। शिक्षण कार्य करना एक विशेष विधि है। जब तक हमें इसकी जानकारी नहीं होगी तब तक शिक्षा का उद्देश्य सफल नहीं हो सकता। प्रशिक्षक शैलेष मिश्रा ने बाल मनोविज्ञान पर प्रकाश डालते हुये बताया कि कक्षा में सबसे पहले हमें छात्रों की मनोदशा को समझना होता है। इसलिये हमें बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, ताकि शिक्षक उनकी समस्याओं को समझ सके और शिक्षा में अवरोध उत्पन्न करने वाली चीजें हमारे सामने आ सकें। जब तक हम बच्चों की समस्याओं और तनाव को दूर नहीं करेंगे तब तक उनके साथ किया जाने वाला प्रयास सफल नहीं होगा। सभी शिक्षामित्र कार्यशाला के साथ ही माडयूल के अनुसार बाल मनोविज्ञान विषय का गहनता के साथ अध्ययन करें।

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