आध्यात्मिक मनोविज्ञान में कई धर्मों के विचार

कार्यालय संवाददाता, अलीगढ़ : विशाखापट्टनम की जीआइटीएएम यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. के रामाकृष्णा राव ने कहा कि भारतीय मनोविज्ञान हिंदू मनोविज्ञान नहीं है। बल्कि वह आध्यात्मिक मनोविज्ञान है। इसमें हिंदू, बौद्ध, जैन व भारतीय सूफी विचारधारा समाहित है।

शनिवार को एएमयू के मनोविज्ञान विभाग में आध्यात्मिक मनोविज्ञान पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित की गई। मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि आध्यात्म व विज्ञान को पश्चिम में दो अलग रूपों में देखा जाता है जबकि भारत में इसे एक दूसरे का पूरक माना जाता है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. गिरेश्वर मिश्रा ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में हर इंसान को शाति की तलाश है जो अध्यात्म से ही प्राप्त हो सकती है। वीसी जमीरउद्दीन शाह ने कहा कि आध्यात्मिकता जीवन का अभिन्न अंग है। व्यक्तिगत व संगठनात्मक विकास के लिए यह जरूरी है। इस अवसर पर यूजीसी सेप प्रोग्राम के निदेशक प्रो. अकबर हुसैन की पुस्तक का विमाचन भी किया गया। मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. अबू सुफियान जिल्ली, समाज विज्ञान संकाय के डीन प्रो. शबाहत हुसैन आदि इसमें उपस्थित थे।

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