आखिर क्या और कैसे पढ़ते हैं टॉपर्स, खुद ही जानिए


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सिविल सेवा परीक्षा 2011 में पहला स्थान हासिल करने वाली शेना अग्रवाल ने
आखिर कैसे की अपनी तैयारी। उन्हीं की जुबानी उनकी पढ़ाई और तैयारी की
कहानी।

मनोविज्ञान
मनोविज्ञान को एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनें तो कुछ बातें ध्यान में रखें। सबसे पहले खुद से सवाल करें कि मनोविज्ञान को वैकल्पिक विषय के तौर पर क्यों चुना जाए। मनोविज्ञान मानव व्यवहार के अध्ययन का विषय है जिसका अनुप्रयोग मानव जाति के कल्याण में निहित है। इस विषय को हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यम के विद्यार्थियों द्वारा बराबरी से चुना जाता है। मनोविज्ञान को चुनने के पीछे इसके दिलचस्प विषय होने के साथ-साथ कई अन्य कारण भी छिपे हुए हैं। यह एक ऐसा विषय है जिसका सिलेबस एकदम स्पष्ट है। इस विषय के संदर्भ में सटीक अध्ययन सामग्री उपलब्ध है। विषयगत अवधारणाओं को समझने के लिए बड़ा क्षेत्र है और इनको प्रायोगिक तौर पर भी समझा जा सकता है। सिविल सेवा परीक्षा में इसको चुनने के पीछे मेरा उद्देश्य यही था कि यह एक रुचिकर विषय है जिसकी तैयारी के लिए भी काफी समय मिलता है क्योंकि इसका पेपर सामान्य अध्ययन के पेपरों के पर्याप्त समय बाद होता है जिससे रिवीजन करने और बेहतर तैयारी का अच्छा खासा समय मिल जाता है।

अध्ययन सामग्री :
किसी भी परीक्षा की तैयारी में अध्ययन सामग्री का चयन बेहद खास होता है। सही और सटीक अध्ययन सामग्री के चयन पर जोर दें, चुनिंदा किताबें खरीदें और कोशिश यह हो कि कम से कम समय में पूरे सिलेबस से संबंधित अध्ययन सामग्री जुटा लें। मेरा मानना यही है कि कई किताबों को एक बार पढऩे से अच्छा है एक किताब को कई बार पढ़ लिया जाए। मनोविज्ञान हो या अन्य विषय सबसे बेहतर तरीका यही है कि प्राथमिक रूप से जो उपलब्ध है उसे पढ़ें, उसके बाद जो छूटे या जो कमी रहे उसके लिए अध्ययन सामग्री जुटाएं।
अध्ययन सामग्री के चयन में यह बात विशेष रूप से ध्यान में रखें कि आपको पीएचडी के लिए नहीं सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए पठनीय सामग्री की जरूरत है। इसलिए सबसे पहले पिछले वर्षों के पेपर देखें और सिलेबस को कंठस्थ कर लें। अब सिलेबस और पेपरों में किए जाने वाले सवालों के औसत से बेहतर जवाब दे सकें, उसके लिए सामग्री जुटाएं। मैं इस बारे में यही राय दूंगी कि यदि खुद यह कर पाने में मुश्किल लगता है तो कोचिंग ज्वाइन करें या कोचिंग से अध्ययन सामग्री लें क्योंकि इससे आपका आधा बोझ कम हो जाएगा और वहां से सटीक बिंदुवार अध्ययन सामग्री भी मिल जाएगी।

कहां से क्या पढ़ें
मुकुल पाठक के नोट्स : दोनों पेपरों के सिलेबस के एक-एक बिंदु को समझने के लिए एनसीईआरटी की किताबों के बाद यही सबसे मुफीद अध्ययन सामग्री है। बिना किसी पूर्वाग्रह के कोचिंग ज्वॉइन कर सकें तो कोचिंग ज्वॉइन करें अन्यथा इन नोट्स को पढ़ें। अपनी परिस्थिति के मुताबिक निर्णय लें।

मोर्गन किंग/ बैरोन या सिसरेली : इन तीनों में से कोई भी एक किताब मनोविज्ञान के सामान्य सिद्धांतों व अवधारणाओं को समझने में मददगार साबित होगी। लेकिन इससे पहले एनसीईआरटी की किताबें तो पढऩा अनिवार्य ही होगा। अन्यथा इन किताबों की कई अवधारणाओं को समझने में दिक्कत आएगी। इन किताबों को केवल पढ़ें नहीं, इनसे नोट्स भी तैयार करें जो परीक्षा से ठीक पहले रिवीजन में भी मदद करेंगे।

क्रेविक एंड चैप्लिन : मनोविज्ञान के विधि सिद्धांतों और तंत्रों के उच्चस्तरीय अध्ययन के लिए यह सबसे सटीक किताब है। प्रत्यक्षण, व्यक्तित्व, विचार और भाषा, मात्रात्मक मनोविज्ञान जैसे टॉपिक इसमें से ही पढ़ें और यदि पर्याप्त समय है तो पूरी किताब पढ़ें। संभव हो तो कम से कम दो बार रिवीजन भी करें। जो उम्मीदवार ३५० से अधिक अंक पाना चाहते हैं उनके लिए इसे पढऩा बेहद जरूरी है।
थीयरीज ऑफ पर्सनेलिटी (हाल एंड लिंड्जी) : इस किताब के अंतिम अध्याय में विभिन्न सिद्धांतों के प्रतिपादकों, सिद्धांतों की आरंभिक भूमिका, मनोविज्ञान में प्रासंगिकता व वर्तमान स्थिति की चर्चा की गई है। यह कहीं और इस तरह से स्पष्ट पढऩे को नहीं मिलेगा। यदि कहीं से इस किताब के नोट्स मिल जाते हैं तो अच्छा है, अन्यथा खुद नोट्स बना लें। इस किताब की जानकारी संपूरक का काम करती है जो जवाब की गुणवत्ता को सामान्य से बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकती है।

सोशियल साइकोलॉजी (बैरन एंड ब्रयान): इस किताब से मनोवृत्ति के अध्याय के अलावा सभी अध्यायों के संक्षिप्त नोट्स बनाएं, किताब में दी गई टर्मिनोलॉजी व परिभाषाओं को याद रखें, चित्रों व आरेखों को ध्यान से समझें व इन्हें हाथ से बनाने का प्रयास करें जिससे परीक्षा में बेहतरीन प्रस्तुतीकरण किया जा सके।

अबनॉर्मल साइकोलॉजी एंड मॉडर्न लाईफ (कारसन एंड बुचर) : इस किताब से चिकित्सा मनोविज्ञान के अध्यायों को पढ़ें और टर्मिनोलॉजी को समझें व नोट्स बना लें।

एप्लाइड साइकोलॉजी (स्मारक स्वेन) : सिविल सेवा परीक्षा में मनोविज्ञान के दूसरे पेपर के लिए एनसीईआरटी की किताबें और मुकुल पाठक के नोट्स पढऩे के बाद इस किताब को पढऩा श्रेयस्कर होगा। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान टर्मिनोलॉजी को समझने पर ही दें। टर्मिनोलॉजी समझकर ही सटीक जवाब दिए जा सकते हैं और अच्छे नंबर पाने के लिए सटीक शब्दों का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। यहां एक बात याद रखें कि सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबों को बहुत ध्यान से दो-तीन बार पढ़ लें, क्योंकि इन्हीं किताबों से पूरे विषय की आधारभूत समझ विकसित की जा सकती है। एनसीईआरटी की किताबों को अच्छी तरह से पढ़ लेने के बाद ही दूसरी किताबों जैसे बैरन, सिकरेली को पढऩा शुरू करें और अब पूरी किताब पढऩे के बजाय टॉपिक पढ़ें। स्मारक स्वेन की एप्लाइड साइकोलॉजी में दूसरे पेपर के लगभग सभी टॉपिक कवर होते हैं। दूसरे पेपर के लिए इसके अलावा मुझे किसी किताब की जरूरत नहीं पड़ी। किताबों के अलावा मैंने मुकुल पाठक के नोट्स पढ़े।

आमतौर पर कोई भी जो मनोविज्ञान विषय चुनता है, वह मुकुल पाठक के नोट्स पढ़ता है क्योंकि ये काफी बोधगम्य माने जाते हैं। यदि किसी को जरूरत महसूस हो तो मुकुल पाठक की क्लास भी ले सकता है, या नोट्स खरीद कर पढ़े जा सकते हैं। किताबों और नोट्स के अलावा कई बार अखबारों और मैग्जीनों में इस विषय से संबंधित बहुत ही प्रमाणिक और संगत लेख छपते हैं ऐसे लेखों की कतरनें बहुत काम आती हैं। ऐसे आलेखों के संदर्भ सवालों के जवाब को न केवल प्रभावी बनाते हैं अपितु इनसे अन्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा आपका जवाब भिन्न और सार्थक भी बनता है।

Morgon and King: Introduction to Psychology
R. A. Baron: Abnormal Psychology
Chaplin and Kraweik: Systems and Theories of Psychology
Woodsworth And Schlosberg: Experimental Psychology
Geldard, F.A. : Fundamentalof Psychology
Hilgard E.R. and Atkinson, R.C.: Introduction to Psychology
Mynn, N.L. : Psychology
Colemn J. C. : Abnormal Psychology and Modern Life
Kisker, G.W. : The Disorganised Personality
Kulkkarni, M.S. : Introduction to Education Technology
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