स्कूलों में बच्चों का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन न होने पर जताई चिंता

अंबाला शहर, जागरण संवाद केंद्र :

स्कूल के विद्यार्थियों पर मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षणों का प्रयोग विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला पीकेआर जैन कॉलेज ऑफ एजुकेशन में आयोजित की गई।

इस मौके पर मुख्य वक्ता महेश भार्गव ने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में इस बात की बहुत आवश्यकता है कि जिन बच्चों को हम शिक्षा दे रहे हैं उनकी मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि क्या है। बच्चों के मनोविज्ञान जैसे बुद्धि, रुचि, कौशल, स्वभाव, मूल्य एवं सभी की जानकारी करने के लिए विभिन्न मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षणों का प्रयोग करते हैं जिससे बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि देश के स्कूलों में बच्चों काकिसी प्रकार से भी मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि इसी कारण योग्यताओं, क्षमताओं और व्यक्तित्व के अनुसार शिक्षा नहीं दी जा रही। पीकेआर जैन प्रबंधन समिति के प्रधान सतपाल जैन ने कहा कि मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है। शिक्षा मानवीय व्यवहार को परिवर्तन करने का साधन है तो मनोविज्ञान उसी व्यवहार को समझने का एक साधन है। कॉलेज प्रबंधन समिति के प्रधान अरुण जैन ने कहा कि एक शिक्षक के लिए मनोविज्ञान प्रशिक्षणों का बहुत महत्व है, इससे छात्रों की आवश्यकताओं का ज्ञान होता है। प्राचार्या डॉ. मुदिता भटनागर ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परीक्षाएं आज भी छात्रों से भरी कक्षाओं में अध्यापकों के लिए एक वरदान हैं जो कि छात्रों की योग्यता को समझने में सहायक हैं। कार्यशाला को डॉ. रितु अग्रवाल, डॉ. हरीशंकर सिंह, डॉ. प्रेम लता व कार्यशाला की संयोजक सीमा अग्रवाल ने भी संबोधित कर विषय पर विचार रखे।

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