शोध कार्य में मनोयोग से बेहतर परिणाम : डॉ. राधेश्याम
वरिष्ठ संवाददाता, रोहतक :
बेहतर शोध प्रविधि तथा उचित सांख्यिकी टूल्स जरूरी है। शोध कार्य मनोयोग से किया जाए तो बेहतर परिणाम आएंगे। ये उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विशेष व्याख्यान देते हुए मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर तथा शोध विशेषज्ञ डा राधे श्याम ने व्यक्त किय। प्रो. राधेश्याम ने शोध प्रविधि, शोध की अवधारणा तथा संचार शोध पर विशेष विस्तार व्याख्यान दिया। प्रो राधेश्याम ने कहा कि विद्यार्थियों को शोध कार्य में शोधार्थी को बहुत ध्यानपूर्वक सांख्यिकी टूल्स चुनना होगा। डा. राधेश्याम ने शोध की अवधारणा एवं अवसर का विहंगम दृश्य प्रस्तुत किया। व्याख्यान उपरात अतिथि वक्ता प्रो. राधेश्याम ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
उन्होंने कार्यक्रम के प्रारभ में प्राध्यापिका सुमेधा धनी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होने अतिथि वक्ता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि इस व्याख्यान से विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो हरीश कुमार ने आभार प्रदर्शन किया। प्रो हरीश कुमार ने कहा कि शोध की जीवन में बड़ी उपयोगिता है। संचालन प्राध्यापक सुनित मुखर्जी ने किया। व्याख्यान कार्यक्रम में शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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