शिक्षा मनोविज्ञान पर चला मंथन

ज्ञानपुर (भदोही): काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में संचालित इग्नू अध्ययन केंद्र में चल रहे बीएड प्रथम वर्ष की कार्यशाला में रविवार को छठे दिन शिक्षा मनोविज्ञान पर गहन मंथन किया गया। वक्ताओं ने शिक्षकों के लिए शिक्षा मनोविज्ञान के ज्ञान को आवश्यक बताया।

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के आचार्य डा.दिनेश सिंह ने कहा कि शिक्षक को छात्र की अधिगम क्षमता का ज्ञान होना जरूरी है। बच्चों की अधिगम क्षमता का आंकलन जरूरी है। इसी पर बच्चों की मन:स्थिति का व्यापक प्रभाव रहता है। अत: आवश्यक है कि शिक्षक छात्रों की मनोस्थिति का परीक्षण करें और उसी के अनुरूप उन्हें शिक्षा दें। केबी कालेज मीरजापुर के उपाचार्य डा. भवभूति मिश्र ने कहा कि प्रभावी शिक्षण के लिए शिक्षक को बाल मनोविज्ञान एवं मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों से अवगत होना आवश्यक है। मनोविज्ञान सिद्धांत कक्षा शिक्षण की ्रप्रक्रिया को अधिक सरल व ग्राह्यं बनाते हैं। यूइंग क्रिश्चियन कालेज इलाहाबाद के उपाचार्य डा. महेंद्र मिश्र ने शिक्षा देने के तर्कात्मक व मनोवैज्ञानिक दोनों पक्षों पर प्रकाश डाला। कहा कि पुरानी विचारधारा तर्कात्मक व नई विचारधारा मनोवैज्ञानिक क्रम को महत्व देती है। इसी तरह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डा. विनोद कुमार सिंह डा.अरविंद पांडेय ने शिक्षा मनोविज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर इग्नू कोआर्डिनेटर डा. सत्येंद्र सिंह, डा. श्रीनिवास पांडेय व अन्य ने विचार रखे। अंत में डा. संतोष आर्या ने आभार व्यक्त किया।

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