मनोविज्ञान के जरिए मानसिक सदमे से उभर सकते हैं : डॉ. एलेना
जागरण संवाददाता, रोहतक :
सकारात्मक मनोविज्ञान के जरिए मानसिक सदमे की स्थिति से उभरा जा सकता है। जरूरत है सकारात्मक मनोविज्ञान द्वारा सार्थक हस्तक्षेप की। यह जानकारी चेक गणराज्य के मारसिक विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर एवं प्रतिष्ठित मनोवैज्ञानिक डॉ. एलेना स्लैजाकोवा ने शनिवार को मदवि के मनोविज्ञान विभाग में विशेष व्याख्यान में दी। प्रो. एलेना ने अपनी विद्वतापूर्ण प्रस्तुति में कहा कि सकारात्मक मनोविज्ञान के द्वारा मनुष्य के मानसिक एवं भावनात्मक जीवन में बेहतरी लाई जा सकती है।
डॉ. एलेना स्लैजाकोवा ने चेक गणराज्य में सकारात्मक मनोविज्ञान शोध एवं प्रयोग विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। डॉ. एलेना ने वर्ष 2006 से 2009 के दौरान चैक गणराज्य के ब्रनो शहर में यूनिवर्सिटी अस्पताल में 117 कैंसर पीड़ित बच्चों के अभिभावकों पर इस बीमारी संबंधित मानसिक आघात के संदर्भ में सकारात्मक मनोविज्ञान की भूमिका पर शोध के निष्कर्षो पर चर्चा की। डॉ. एलेना ने बताया कि सकारात्मक मनोवृति रखने वाले अभिभावकों ने अपने बच्चों के इलाज के दौरान बेहतर ढग से इस आघात को झेला। उनका कहना था कि अध्यात्म, सकारात्मक रवैया, गहन पारिवारिक संबंध, मद्दगार मित्र समूह आदि मनुष्य को कोई भी सदमा से जूझने का साहस देता है। प्रो. एलेना ने भारत व चेक गणराज्य में खुशी के पैमानों की भी तुलना की। प्रो. एलेना ने जोर देकर कहा कि सकारात्मक मनोविज्ञान को एक विज्ञान विषय की तरह विकसित किया जाए ताकि इसका लाभ समाज तक पहुचे। अपनी प्रस्तुति में प्रो. एलेना ने चेक गणराच्य एवं मारसिक विश्वविद्यालय के बारे में भी बताया।
मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो. प्रोमिला बत्तरा ने स्वागत भाषण दिया तथा व्याख्यान उपरात आभार प्रदर्शन किया। प्रो. प्रोमिला बत्तरा ने कहा कि जीवन में बहुत जरूरी है कि कोई सार्थक जीवन ध्येय हो। उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक समाज में सकारात्मक माहौल बनाने में अहम योगदान देते है। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापिका डॉ. सोनिया मलिक ने किया। डॉ. सोनिया मलिक ने जीवन में आशावादी होने पर जोर दिया। व्याख्यान उपरात डॉ. एलेना ने उपस्थित शिक्षकों व विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए।
कार्यक्रम में आईआईटी (दिल्ली) की प्राध्यापिका डॉ. कमलेश सिंह, डॉ. एलेना के पति मारियो, सामाजिक विज्ञान की अधिष्ठाता प्रो. सुनीता मल्होत्रा, मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक प्रो. राजबीर सिंह, प्रो. नवरतन शर्मा, प्रो. राधेश्याम, डॉ. मधु आनंद, डॉ. अरूणिमा, डॉ. पूनम, डॉ. सरबजीत कोहली, डॉ. दीप्ति हुड्डा, शशि रश्मि, शोद्यार्थी, विद्यार्थी व निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी आदि मौजूद रहे। चेक गणराच्य से आई प्रो. एलेना ने व्याख्यान कार्यक्रम उपरात सामुदायिक स्वास्थ्य तथा मनोवैज्ञानिक पहल की स्थिति जानने के लिए माढौदी गाव का दौरा भी किया।
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