पात्र के मनोविज्ञान को जीने से निखरती कला

कानपुर, शिक्षा संवाददाता: किसी भी धारावाहिक, नाटक अथवा फिल्म में किसी पात्र (चरित्र) का अभिनय तभी जीवंत हो सकता है जब कलाकार उसकी संवेदना, मनोविज्ञान व व्यक्तित्व को गहराई से जीने की कोशिश करे।

उक्त विचार लक्ष्मीदेवी ललित कला अकादमी की ओर से अकादमी में आयोजित नाट्य कला प्रशिक्षण कार्यशाला में शाहरुख खान व करन जौहर द्वारा बनाई जा रही फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ दि ईयर' में काम कर रहे शहर के अंबुज दीक्षित ने व्यक्त किये। निर्माता निर्देशक सुभाष घई के फिल्म संस्थान से प्रशिक्षित अंबुज ने अभिनय प्रशिक्षुओं को बताया कि अभिनय के क्षेत्र में जाने पर किसी कलाकार को प्रोफेशनल तो होना ही पड़ता है परंतु उसका संवेदनशील रहना जरूरी है। अंबुज ने अभिनय के दौरान के संस्मरण भी सुनाए और अभिनय टिप्स देने की योजना बताई। नाट्य निर्देशक राधेश्याम दीक्षित ने नाट्यकला की बारीकियां बताई और परिचय कराया। डॉ. अवधेश दीक्षित भी मौजूद थे।

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