जेइइ पास छात्रों को राहत, स्क्रूटिनी 20 जून से पहले

पटना: इंटर साइंस की परीक्षा में खराब रिजल्ट आने के बाद करीब 4500 विद्यार्थी अब तक अलग-अलग विषयों की कॉपियों की स्क्रूटनी के लिए आवेदन दे चुके हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्राथमिकता के आधार पर इन आवेदनों का निपटारा करने का फैसला किया है.  

जेइइ या किसी अन्य प्रतियोगिता में सफल होने वाले विद्यार्थियों के आवेदनों का निपटारा 20 जून से पहले कर दिया जायेगा. इंटर साइंस की कॉपियों के रैंडम पुनमरूल्यांकन का फॉमरूला तय करने के लिए समिति ने पटना यूनिवर्सिटी और बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संपर्क किया है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि  प्रसाद सिन्हा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में खराब रिजल्ट के बारे में स्थिति स्पष्ट की. प्रधान शिक्षा सचिव अमरजीत सिन्हा ने विद्यार्थियों को धैर्य रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि छात्रों को सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं है. अगर एक भी मामले में गड़बड़ी पायी गयी, तो उसका जल्द से जल्द समाधान किया जायेगा. गड़बड़ी के लिए जिम्मेवारी भी तय की जायेगी और जिम्मेवार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी. शिक्षा मंत्री ने इस बारे में बोर्ड के अध्यक्ष को सख्त निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि हम शिकायत पर कॉपी दिखाने को भी तैयार हैं.

छात्रों को भी सच्चई देखने की जरूरत : परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिन्हा ने कहा कि बोर्ड से कहीं गलती हुई है, तो उसे सुधारा जायेगा, लेकिन छात्रों को सच्चई भी देखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर मूल्यांकन केंद्र से कॉपियां मंगायी जा रही हैं. अब तक 4500 विद्यार्थी स्क्रूटनी के लिए आवेदन दे चुके हैं. सीबीएसइ से मार्क्‍स दाखिल करने का समय बढ़ा कर 20 जून करने का अनुरोध बिहार बोर्ड ने किया है. उन्होंने कहा कि साइंस में फेल या थर्ड डिवीजन आये छात्रों की कॉपियों की रैंडम जांच की जायेगी. उन्होंने कहा कि कॉपियों के मूल्यांकन के कार्य में अंगीभूत  कॉलेजों के शिक्षकों की कमी के कारण वित्तरहित कॉलेजों के शिक्षकों पर निर्भर रहना पड़ता है. परीक्षा समिति के अध्यक्ष अपने साथ कुछ कॉपियां भी लेकर आये थे, जिनमें सही जवाब नहीं दिये जाने की बात कही.

सानिया मामले में बोर्ड की कोई गलती नहीं
बोर्ड अध्यक्ष और प्रधान सचिव ने बीडीबीकेएस कॉलेज, फारबिसगंज, अररिया की छात्र सानिया राज की अटेंडेस शीट दिखाते हुए बताया कि वह मनोविज्ञान के प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुपस्थित थी. उन्होंने बताया कि सानिया ने रजिस्ट्रेशन पेपर में अपना विषय होम साइंस, म्यूजिक और समाजशास्त्र भरा था. स्कूल ने अपने स्तर से समाजशास्त्र को बदल कर मनोविज्ञान कर दिया और बोर्ड को इसकी जानकारी नहीं दी. 

वह मनोविज्ञान की थ्योरी परीक्षा में तो शामिल हुई, लेकिन मनोविज्ञान की प्रैक्टिकल परीक्षा कीअटेंडेस शीट में वह अनुपस्थित रही. गौरतलब है कि सानिया और उसके स्कूल ने दावा किया है कि उसे मनोविज्ञान प्रैक्टिकल परीक्षा में 29 नंबर मिले हैं. अगर इसे रिजल्ट में जोड़ दिया गया होता, तो उसे कुल 405 नंबर मिलते और वह इंटर आर्ट्स की परीक्षा में स्टेट टॉपर होती. इस मामले में पूरी जांच होगी. अध्यक्ष ने कहा कि किसी स्तर पर चूक हुई है और बोर्ड के पास साक्ष्य मिलेंगे, तो सुधार किया जायेगा. एक अन्य मामले में सीतामढ़ी के एक छात्र ने शिकायत की है कि वह एम्स की परीक्षा में पास कर गया है, लेकिन बोर्ड ने रसायन शास्त्र में उसे सिर्फ 3 नंबर दिये हैं. अध्यक्ष ने इस छात्र की कॉपी दिखाते हुए कहा कि विशेषज्ञों ने भी यह कॉपी देखी है. इस छात्र ने सवालों के जवाब सही और टू द प्वाइंट नहीं दिये हैं, इसलिए उसे नंबर नहीं मिले.

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