19 मई 2012
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस
वॉशिंगटन।
लोग खुश रहने के लिए न जाने क्या-क्या जतन करते हैं लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि बाल बच्चों वाले लोग बिना बच्चों वालों की तुलना में अधिक खुशी का अनुभव करते हैं और उनका जीवन भी ज्यादा अर्थपूर्ण होता है। शोधकर्ताओं ने अमेरिका और कनाडा में किए गए अध्ययनों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि माता-पिता अपने रोजाना किए जाने वाले कार्यो की बजाय अपने बच्चों की देखभाल करते वक्त अधिक खुशी महसूस करते हैं।
विज्ञान पत्रिका ‘साइकोलॉजिकल साइंस’ की रपट के अनुसार रिवरसाइड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया में मनोविज्ञान के प्रोफेसर सोनजा ल्यूबोमिस्र्की ने बताया, "हम यह नहीं कह रहे हैं कि माता-पिता बनना लोगों को खुश करता है लेकिन माता-पिता होना खुशी और जीवन की सार्थकता से जुड़ी हुई है।"
पैरेंट्स बनाते हैं बच्चों को झगड़ालू!
विश्वविद्यालय के बयान के अनुसार विद्वानों और मीडिया घोषणाओं के विपरीत लोगों को इस बात से संतोष मिल सकता है कि जीवन में माता-पिता होना और बच्चे की देखभाल करना वास्तव में खुशी की भावना से जुड़े हो सकते हैं।
ल्यूबोमिस्र्की ने कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि अगर आप बड़े हैं और शादीशुदा हैं, और अगर आपके पास बच्चे हैं, तो आपके अपने नि:संतान साथियों की उपेक्षा अधिक खुश रहने की सम्भावना है।"