रेडिंगसाइकोलॉजी, ट्रेडिंग मनोविज्ञान पर एक किताब है, जो कि 2012 में जर्मनी में प्रकाशित हुई थी और इसे लोगों की बड़ी सराहना मिली थी। कई पाठकों और समीक्षकों ने टिप्पणी की थी कि इस विषय पर यह अब तक की सबसे बेहतर किताब है और अपने आप में पहली ऐसी किताब है जिसे पढक़र वास्तविक उपयोग किया जा सकता है।
किताब के लेखक, नॉर्मन वेज, एक मनोचिकित्सक और पत्रकार हैं, जिन्हें स्टॉक मार्केट में गहरी रुचि है और इसके साथ उन्होंने मनोविज्ञान को जोड़ा है। उनकी विशेषता ट्रेडिंग मनोविज्ञान है, यह ऐसा विषय है जिस पर उन्हें व्यापक अनुभव है बल्कि कुछ अद्वितीय अंतरदृष्टि भी है।
अन्य बातों के अलावा, वह ट्रेडर्स को उनके दिमाग को सही दिशा में विकसित करने के लिए भी ट्रेंड करते हैं। वेज कहते हैं कि यह सामान्य ज्ञान है कि ट्रेडर्स को अनुशासन की जरूरत है लेकिन इस विचार को स्वीकार करना एक निवेशक के लिए उचित तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
वेज कहते हैं कि समस्या का सार यह है कि अधिकांश लोग व्यापार के हर रूप में सुरक्षा को पसंद करते हैं और जरूरी समझते हैं, लेकिन ट्रेडिंग सबसे असुरक्षित व्यापार है, जिसमें आप हो सकते हैं। उनका तर्क है कि कोई अन्य पेशा कई और तीव्र भावनाओं को उत्पन्न नहीं करता और हमारे व्यक्तित्व को दर्शाता है।
स्टॉक मार्केट गतिविधियों में पैसे के फेर में वह काफी आगे निकल जाते हैं। वेज के अनुसार हम सिर्फ संपत्ति व पैसे को ट्रेड नहीं करते, हम पैसे बनाते हैं। प्रभावी ढंग से ट्रेड के लिए, सही मानसिकता सबसे जरूरी है। फिर भी यह मुश्किल नहीं है कि हम अपने मस्तिष्क को बदलकर उसे अपने अनुसार काम करवाएं।
हम माता-पिता, परिवार, दोस्तों, पर्यावरण, समाज, मीडिया, किताबें और अन्य चीजों से प्रभावित होते हैं। उस समय से जब हम ट्रेडिंग शुरू करते हैं, यह सभी प्रभाव ट्रेडिंग पैटर्न तय करने में यह अक्सर बेकार या सहयोगी होते हैं। इस पैटर्न को बदलने की कोशिश मुश्किल और भयावह के बीच कहीं हैं।
यह वास्तव में मस्तिष्क में है : वेज के दृष्टिकोण को समझने के लिए, मनोविज्ञान की व्यापक भूमिका और मस्तिष्क को समझना जरूरी है जबकि धारणा यह है कि मनोविज्ञान शेयर बाजार के लिए कोई नया नहीं है, वेज का विश्वास है कि ट्रेडिंग सौ फीसदी सचमुच मनोविज्ञान है।
मानस के बिना, हम कभी वित्तीय जोखिम का मूल्याकंन या ट्रेंड को नहीं समझ सकते। वेज कहते हैं कि मस्तिष्क नहीं तो स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग नहीं। मस्तिष्क क्षमता पूरी तरह सफल ट्रेडिंग के लिए मूलभूत आवश्यकता है। यहां तक कि लगभग 95 प्रतिशत हमारी प्रतिक्रिया अनजानी होती है, और हम बार-बार अपने व्यवहार को दोहराते हैं। इस दोहराव का मतलब है कि गलत चीजें दोहराई जा रही हैं।
इस बात का समर्थन करने के लिए वेज ने एक अध्ययन किया, जिसमें 120 ट्रेडर्स को एक सिस्टम दिया गया था जो पिछले 20 सालों में से 19 साल तक के आंतरिक मूल्य का सांख्यिकी आंकड़ा पेश करता था। परीक्षण वर्ष के बाद, यह स्पष्ट हो गया था कि उन सभी ट्रेडर्स में से 119 सिस्टम के साथ विफल रहे थे क्योंकि उनकी मानसिक प्रवृत्तियां उन्हें भटका रही थीं। सभी लेकिन एक ट्रेडर गलत मानसिक प्रक्रिया अपना रहा था। वेज कहते हैं कि सफलता दिमाग से आती है। सिस्टम अच्छा था, लेकिन ट्रेडर्स जो व्यवहार और मनोविज्ञान इस सिस्टम पर लागू कर रहे थे वह ठीक नहीं था।
ट्रेडर्स मनोविज्ञान की उपेक्षा क्यों करते हैं?: अधिकांश ट्रेडर्स पुरुष हैं, जो सोचते हैं कि मनोविज्ञान वास्तव में काम नहीं करता। उन्हें लगता है कि क्या मायने रखती है, बल्कि, अच्छी जानकारी और अनुभव ज्यादा जरूरी है। वेज के मुताबिक, हालांकि, समझदारी, जानकारी और अनुभव मदद नहीं करते यदि मस्तिष्क उचित ढंग से कार्यरत और सही नहीं है। तो क्या हम अपने मन और अवचेतन को उचित कार्रवाई के लिए तैयार कर सकते हैं?
वेज का दृष्टिकोण : नॉर्मन वेज ट्रेडर्स के मस्तिष्क पर अवचेतन और सम्मोहन के जरिए काम करते हैं। प्रशिक्षुओं को विश्वास मूड में रखा जाता है और मस्तिष्क के अवचेतन हिस्से में जरूरी बातों को रखा जाता है। यदि यह प्रक्रिया थोड़ी अजीब लगती है, इस पर विचार करें। कई सालों के लिए, वेज लोगों को उनके डर और रुकावटों को दूर करने के लिए, उन्हें खेल प्रतियोगिता और यहां तक ओलंपिक विजेता बनने में सक्षम बनाते हैं।
इसके अलावा वह सही मस्तिष्क ऊर्जा, प्रेरणा और व्यवहार के माध्यम से पैसा कमाने में ट्रेडर्स की मदद कर रहे हैं। वे इस बात पर जोर देते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति के पास अद्वितीय मानसिक पुल और बाधाएं हैं, जिन्हें पार कर या काबू कर सफलता सुनिश्चित करने की जरूरत है।
ट्रेनिंग अनुशासन एक वांछित दिशा में व्यवहार को संशोधित करने और मानसिक प्रतिरोध एवं डर, जो आमतौर पर रास्ते में मिलते हैं, पर काबू पाने से आता है। विशेषकर ट्रेडिंग के संदर्भ में, वेज का मानना है कि यहां प्रतिरोध की सेना है। वास्तव में ट्रेडिंग मस्तिष्क सही मानसिक क्षमताओं के साथ सही निवेश और बाजार के ज्ञान के एकीकरण पर जोर देता है। यह सामान्य कौशल के महत्वहीन होने के लिए नहीं है, यह तो केवल उन्हें गलत मानसिक पैटर्न से बाहर निकालने के लिए है।
प्रभावी ट्रेडिंग में व्यक्तित्व संशोधन शामिल है। वेज के अनुसार, जो लोग इस प्रयास के लिए तैयार नहीं हैं उन्हें ट्रेडिंग के साथ परेशान नहीं होना चाहिए। उन लोगों के लिए जो केवल तथाकथित चार्ट और ट्रेंड के तर्कसंगत पहलुओं, जिसमें झंडे, त्रिकोण और चैनल या स्टॉप और ट्रेडिंग रेंज शामिल हैं, पर ध्यान केंद्रित करते हैं, अंतत: भावनाओं के असंख्य जाल में फंस जाते हैं और बाजार उन पर हावी हो जाता है।
वेज आगे बताते हैं कि उनके सिद्धांत का एक अल्ट्रा शॉर्ट संस्करण है, लेकिन वास्तव में इस मामले का सार है। इसके अलावा, उनका मानना है कि अपने डर पर काबू पाकर कोई भी ट्रेडर बन सकता है। चिकित्सीय रूप से बीमार नहीं लोग, इन सिद्धांतों का उपयोग कर सकते हैं यदि वे वास्तव में अपने ऊपर काम करना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, यदि परिणाम के तौर पर सफलता चाहते हैं तो उन्हें अच्छी समझ और वास्तविकता पर पकड़ की जरूरत है। बेशक, वित्तीय ज्ञान और कौशल, जानकारी और रिसर्च सभी अभी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हालांकि यह सब हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। वेज का मानना है कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे एक छोटे से खाते से शुरुआत कर छह माह के भीतर एक पेशेवर ट्रेडर की तरह आय प्राप्त कर सकते हैं। इसमें बहुत समय और समर्पण लगता है। वेज का मानना है कि यदि इस मामले में ऐसा नहीं होता तो सडक़े फरारी और पोर्श से भरी होती।
अंतिम पंक्तियां : ट्रेडर मनोविज्ञान की मौलिक भूमिका को कम आंका जाता है और तकनीकी पक्ष पर बहुत अधिक जोर दिया जाता है। जबकि दोनों ही आवश्यक हैं, यह यकीनन सही है कि सही मानसिकता सफल और असफल ट्रेडर्स में भिन्नता लाती है।
हालांकि, ट्रेडिंग की तकनीकी पहलुओं को सीखना उच्च ट्रेडिंग मस्तिष्क हासिल करने की तुलना में ज्यादा आसान है। आमतौर पर किसी के द्वारा स्वयं के व्यक्तित्व लक्षण पर तीव्रता से काम करना और व्यवहार में बदलाव लाना आसान नहीं है। इसके लिए समर्पण, समय और कुशल कोच की जरूतर होती है। इन सबके बाद परिणाम के रूप में डिविडेंड्स हासिल होते हैं।
मोलतोल.इन सौजन्य से : मोलतोल.इन