वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मनोवैज्ञानिकों को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लोगों में असंतोष और पिटाई जैसी घटनाओं ने हैरत में डाल दिया है। अब ये मनोवैज्ञानिक ऐसी घटनाओं के पीछे के मनोविज्ञान को समझने और उसके कारणों की तह तक जाने के लिए शोध की तैयारी में जुटे हुए हैं।
बीएचयू में मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर ए पी सिंह ने बताया कि यह पता लगाना जरूरी है कि एक उभरते राजनेता के खिलाफ लोगों में आक्रोश का भाव क्यों है जबकि अन्य दलों के नेताओं के साथ ऐसा नहीं है। प्रो. सिंह ने कहा कि इसी मंगलवार को केजरीवाल पर चले थप्पड़ ने लोगों को परेशान कर रखा है। उन्होंने कहा कि लोगों की इस प्रतिक्रिया मनोवैज्ञानिक भी हैरत में हैं और यही वजह है कि इस विषय पर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के छात्रों द्वारा शोध करवाया जाएगा, ताकि यह 'मनोविज्ञान' सभी के सामने आ सके।
प्रो. सिंह ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसी घटनाओं से वर्तमान राजनीति व राजनेताओं के प्रति लोगों के आक्रोश का पता चलता है और दूसरे राजनेताओं की अपेक्षा केजरीवाल बिना किसी खास सुरक्षा इंतजाम के आम आदमी के बीच जा रहे हैं लिहाजा गुस्से के शिकार हो रहे हैं। अन्य दलों के बड़े नेता सुरक्षा घेरे में होते हैं तो स्वाभाविक है कि वे ऐसे हादसों के शिकार नहीं होते और दूसरी वजह यह हो सकती है कि केजरीवाल बड़े राजनीतिक दलों के लिए चुनौती बन गए हैं और उनके साथ जनसमर्थन भी है। इसी समर्थन ने उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया।
इधर केजरीवाल पर लगातार हो रहे हमलों वाराणसी में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। दिल्ली में रोड शो के दौरान माला पहनाने के बहाने एक ऑटो चालक द्वारा थप्पड़ मारने की घटना के बाद से पुलिस नए सिरे से सुरक्षा का खाका खींच रही है। केजरीवाल को आक्रोशित लोगों के 'थप्पड़' से बचाने के लिए केजरी रिंग नाम से योजना बनाई जा रही है। सुरक्षाकर्मियों की यह रिंग रोड शो के दौरान केजरी की सुरक्षा करेगी। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) प्रदीप गुप्ता ने बताया कि वाराणसी से लोकसभा चुनाव में उतरने का एलान कर चुके केजरीवाल नामांकन के दौरान यहां आएंगे। उन पर अधिकतर हमले रोड शो के दौरान ही हुए हैं।
बनारस में भी केजरीवाल पर अंडे और स्याही फेंकी गई। रोड शो के दौरान अरविंद केजरीवाल जिस वाहन पर सवार होंगे वह सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रहेगा। साथ ही केजरीवाल रोड शो के दौरान जिन क्षेत्रों से गुजरेंगे वहां पहले से ही सुरक्षा के प्रबंध किए जाएंगे। परंतु गुप्ता कहते हैं कि दूसरी दुविधा यह है कि केजरीवाल और उनकी टीम अधिक सुरक्षा.व्यवस्था देखकर भड़क जाती है और पुलिस पर उन्हें जनता से दूर रखने की साजिश बताते हुए सुरक्षाकर्मियों को हटाने की मांग करती है।