मांन्ट्रियल: मानसिक विकृतियों और आत्महत्या के बीच संबंध की चेतावनी देते हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि कनाडा के लगभग एक तिहाई नागरिक अपने बचपन में घर पर शारीरिक या यौन शोषण का शिकार हुए हैं.
मैनिटोबा विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की ट्रैसी अफीफी ने अपने सहलेखकों के साथ कल कहा, ‘‘जन स्वास्थ्य के लिहाज से, ये निष्कर्ष कनाडा में प्राथमिकता के आधार पर बाल शोषण को रोकने की जरूरत पर जोर देते हैं.’’ शोधकर्ताओं ने 23,395 कनाडाई नागरिकों से जुटाए गए आंकड़ों का अध्ययन किया था. इन लोगों ने वर्ष 2012 के मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में भाग लिया था.
इनके अध्ययन के अनुसार, 32 प्रतिशत व्यस्क कनाडाई बाल शोषण का शिकार रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, पुरूषों के शोषण का शिकार होने की आशंका अधिक है. अधिकतर पुरूष शारीरिक प्रताड़ना के शिकार हुए जबकि महिलाओं के साथ यौन शोषण के मामले आम थे.
शारीरिक प्रताड़ना के सबसे आम प्रकारों में किसी को थप्पड़ मारना या ‘किसी कठोर चीज से मारना’ शामिल है. ये शारीरिक प्रताड़ना मानसिक विकृतियांे, आत्महत्या के विचार या आत्महत्या की कोशिशों से जुड़ी हैं, जिससे मानसिक परेशानियां पैदा हो जाती हैं.