दुमका, निज प्रतिनिधि : सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.स्वतंत्र कुमार सिंह एवं लॉ कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ.अजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को एक प्लीडर नोटिस भेजकर 12 वीं के इतिहास की पुस्तक से झांसी की रानी, बहादुर शाह, वीर कुंवर सिंह और नाना साहिब के संबंध में आपत्तिजनक शब्द को हटाने की मांग की है। दोनों शिक्षकों की ओर से दुमका कोर्ट की अधिवक्ता किरण तिवारी द्वारा एनसीईआरटी को प्लीडर नोटिस भेजा गया है। अधिवक्ता किरण ने एनसीईआरटी के निदेशक सह पाठ्य पुस्तक प्रकाशन समिति को अपने मुवक्किल की मांग को नोटिस मिलने के उपरांत एक माह के अंदर पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। नोटिस में मांगें पूरी नहीं होने पर उन्होंने एनसीईआरटी के खिलाफ सक्षम न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। नोटिस में डॉ.स्वतंत्र व डॉ.अजय ने एनसीईआरटी पर राजनीति से प्रेरित होकर इतिहास लिखने का आरोप लगाते हुए बताया है कि वर्ष 2007 में प्रकाशित 12 वीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक (भारतीय इतिहास के कुछ विषय: भाग तीन, पृष्ठ संख्या 292) में 11 वां अध्याय आजादी की पहली लड़ाई 10 मई 1857 के संग्राम व इसके नायकों के जीवनी पर आधारित है। पुस्तक में बताया गया है कि झांसी की रानी ने लाचारी में आम जनता के दवाब में बगावत का नेतृत्व संभाला था। ऐसी ही स्थिति बिहार में कुंवर सिंह और कानपुर में नाना साहिब की थी। वहीं बहादुर शाह के बारे में लिखा गया है विद्रोह की खबर पर वह भयभीत व बैचेन दिखायी दिये, जो गलत है। दोनों शिक्षकों ने कहा कि यह हमारे महापुरुषों का अपमान है जो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। एनसीईआरटी को इसे वापस लेना होगा। मांगें पूरी नहीं होने पर वे सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर