उसकी चिंता हम क्यों करें, जिस पर चले ईश्वर की मर्जी
दुमका, निज प्रतिनिधि : सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान में 27-28 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार शिक्षक व छात्र-छात्राओं के लिए कई मायने से उपयोगी साबित हुआ। 'स्वास्थ व तनाव का मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण' विषय पर आयोजित इस सेमिनार में शिक्षकों के साथ प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने भी तनाव मुक्त जीवन जीने के उपाय सीखे है। इस बावत पूछे जाने पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं में शोधार्थी मिताली झा ने कहा कि सेमिनार में उन्होंने सकारात्मक सोच के साथ जीवन में आगे बढ़ने की ज्ञान हासिल की है। मौसमी साहा ने कहा कि वर्तमान युग में तनाव हर इंसान के जीवन का एक अंग बन गया है। तनाव मुक्त जीवन के लिए किसी भी समस्या का सामना करना जरूरी है। जिंदगी जीने के लिए है सेमिनार में हमने यही सीखा है। मनोविज्ञान की छात्रा सुनीता मुर्मू और प्रेम प्रकाश हेम्ब्रम ने सेमिनार में किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए असफलता को एक सबक के रूप में लेना सीखा है। प्रेम ने कहा कि समस्या को बांटने से दूर होता है। सुनीता ने कहा कि सेमिनार में उसने नकारात्मक सोच वाले इंसान से दूर रहने तथा उस समस्या को ईश्वर पर छोड़ देने की जानकारी हासिल की जिसका समाधान इंसान के वश में नहीं है। बता दें कि यूजीसी प्रायोजित उक्त सेमिनार में तनाव मुक्त जीवन के लिए अध्यात्म व योग पर भी विशेष जोर दिया गया था। इसमें बतौर स्रोत व्यक्ति रांची विश्वविद्यालय के प्रो.डॉ.शाहिद हसन ने कहा कि ईश्वर की मर्जी से ही जीवन में हर घटनाएं घटती है, जिसका परिणाम आगे बढि़या होता है।
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