आरटीआइ को गंभीरता से नहीं ले रहा शिक्षा विभाग

संवाद सहयोगी, पलवल : जिले का शिक्षा विभाग जन सूचना अधिकार अधिनियम-2005 को गंभीरता से नहीं ले रहा है। सूचनाएं समय पर नहीं दी जा रही हैं। कई बार तो सूचनाएं बिल्कुल नहीं दी जाती। ऐसे ही एक मामले में पांच माह बीतने पर भी आवेदक को सूचना नहीं दी।

संजीव कुमार ने 14 जून 2012 को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सूचना मांगी थी कि वर्ष 2012 में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं व 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में कितने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी बैठे, इनमें से कितने पास हुए तथा कितने फेल हुए और कितनों की कंपार्टमेंट आई। इसके अलावा यह जानकारी भी मांगी गई थी कि जिले में इन कक्षाओं की परीक्षा में कितने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की मेरिट आई। यह भी जानकारी मांगी गई थी कि दसवीं व 12वीं कक्षा में किन-किन सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए थे। 12वीं कक्षा में मेरिट कितने प्रतिशत अंकों पर बनती है, यह जानकारी ब्लाक वाइज मांगी गई थी। साथ ही जिले में कितने प्राथमिक, मिडिल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं, कितने स्कूलों में मुखिया नहीं है तथा जिले में कहां-कहां भूगोल, संगीत, समाजशास्त्र व मनोविज्ञान के अध्यापक कार्यरत हैं।

संजीव कुमार का कहना है कि वे कई बार जन सूचना अधिकारी से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन हर बार यह कहकर टाल दिया जाता है कि सूचना शीघ्र दे दी जाएगी। इस संदर्भ में उप जिला शिक्षा अधिकारी डा. शंकर लाल शर्मा तथा दिनेश बाबू उपाध्याय का कहना है कि ब्लाक स्तर पर सूचनाएं मांगी गई हैं, जो शीघ्र उपलब्ध करा दी जाएंगी। वहीं संजीव कुमार का कहना है कि वे अब अदालत का सहारा लेंगे।

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