अरविंद केजरीवाल पर जनता का आक्रोश थप्पड़ों और स्याही का माध्यम क्या बना वाराणसी के बीएचयू में इस पर शोध के प्रयास किये जाने लगे हैं.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एपी सिंह ने जनता के इस आक्रोश को शोध का माध्यम बनाया है. शोध में सबसे पहले जनता की अपेक्षाएं प्रमुखता पर रहेंगी, बाद में लोकसभा चुनाव की स्थितियां और उसकी पारदर्शिता भी मापी जाएगी. इसके बाद इस नतीजे पर पंहुचा जा सकता है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों?
विश्वविद्यालय ने शोध का विचार बना लिया है और इस शोध के प्रयास भी शुरू हो गये हैं. शायद इसके नतीजे चुनाव के बाद आएं, मगर शोध करने वालों की माने तो पहले जो तथ्य सामने आए हैं उसे देखकर तो ये ही पता चलता है कि केजरीवाल को लेकर कहीं न कहीं जनता में असंतोष जरूर है.
मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एपी सिंह ने कहा, 'मैं एक रिसर्चर हूं और मेरा ये मानना है कि जनता की उम्मीदें प्रभावित हुई हैं. मैं ये जानूंगा कि जनता आखिर चाहती क्या है? जब उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं, तब इस तरह की घटनाएं होती हैं.'
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Web Title :
bhu professor to study attacks on kejriwal
Keyword : Arvind kejriwal, BHU, Research, Loksabha election 2014
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