18 मई 2012
वाशिंगटन। लोग खà¥�श रहने के लिà¤� न जाने कà¥�या-कà¥�या जतन करते हैं लेकिन à¤�क नà¤� अधà¥�ययन से पता चला है कि बाल बचà¥�चों वाले लोग बिना बचà¥�चों वालों की तà¥�लना में अधिक खà¥�शी का अनà¥�à¤à¤µ करते हैं और उनका जीवन à¤à¥€ जà¥�यादा अरà¥�थपूरà¥�ण होता है। शोधकरà¥�ताओं ने अमेरिका और कनाडा में किà¤� गà¤� अधà¥�ययनों के आधार पर निषà¥�करà¥�ष निकाला कि माता-पिता अपने रोजाना किà¤� जाने वाले कारà¥�यो की बजाय अपने बचà¥�चों की देखà¤à¤¾à¤² करते वकà¥�त अधिक खà¥�शी महसूस करते हैं।
विज�ञान पत�रिका 'साइकोलॉजिकल साइंस' की रपट के अन�सार रिवरसाइड स�थित यूनिवर�सिटी ऑफ कैलीफोर�निया में मनोविज�ञान के प�रोफेसर सोनजा ल�यूबोमिस�र�की ने बताया, "हम यह नहीं कह रहे हैं कि माता-पिता बनना लोगों को ख�श करता है लेकिन माता-पिता होना ख�शी और जीवन की सार�थकता से ज�ड़ी ह�ई है।"
विशà¥�वविदà¥�यालय के बयान के अनà¥�सार विदà¥�वानों और मीडिया घोषणाओं के विपरीत लोगों को इस बात से संतोष मिल सकता है कि जीवन में माता-पिता होना और बचà¥�चे की देखà¤à¤¾à¤² करना वासà¥�तव में खà¥�शी की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से जà¥�ड़े हो सकते हैं।
लà¥�यूबोमिसà¥�रà¥�की ने कहा, "हमारे निषà¥�करà¥�ष बताते हैं कि अगर आप बड़े हैं और शादीशà¥�दा हैं, और अगर आपके पास बचà¥�चे हैं, तो आपके अपने नि:संतान साथियों की उपेकà¥�षा अधिक खà¥�श रहने की समà¥�à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है।"